यीशु आते हैं, उनके हाथ फैले हुए हैं। वह कहते हैं: "मैं यीशु हूँ, अवतार लिया हुआ। मैं तुम्हें एक नया आह्वान देने आया हूँ, एक परिचित मार्ग। यह दिव्य प्रेम का विनम्र तरीका है। मुझमें अपनी विश्राम करो। मुझमें अपना दृढ़ आधार पाओ। मैंने चुना है और बुलाया है। संकोच मत करो, बल्कि मेरे पीछे आओ।"
"आसान और हल्का वह बोझ जो हम साझा करते हैं; हर कदम जो तुम अकेले उठाते हो भारी और असहनीय। मुझमें ताजगी और शांति है। लेकिन मुझे बताओ कि तुम्हें परवाह है - कि तुम मुझसे प्यार करते हो। प्रत्येक वर्तमान क्षण में मुझे बताना। मैं इससे कभी नहीं थकता। मैं तुमसे अतीत, वर्तमान और भविष्य में प्रेम करता हूँ। मेरे आगे समर्पण करो।"